ये बताते हुए हमें बहुत ख़ुशी
हो रही है की हिन्दी भाषा और साहित्य को सीखने और समझने के लिए , हमें अपनी
वेब साईट को आपके सामने लाने का अवसर मिल रहा है। उमीद है आप सभी को हमारा प्रयास अवश्य पसंद आयेगा।
ʺ आईये कुछ अच्छा लिखने और पढ़ने की
आदत डालते है। ʺ
शायद आप को लगता होगा की कहानी लिखना कोई बड़ी बात नही है। पर अपने विचारो को अच्छी तरह से लोगो के सामने पेश करना भी एक कला है। जो की आसान काम नही है। पहले हम आपको अपना परिचय करा देते है। सही मायने में हम कोई लेखक नही है बस एक एैसी वेब साईट बनाना चाहते थे जो लोगो तक अपने विचारो को पहुचाने मे सफल हो। अगर कोई बात या लेख में कोई घटना से किसी को भी कोई आपत्ति हो या कोई सुझाव हो तो हमें अपने विचार अवश्य भेजें । हम आप सभी के विचारों का स्वागत करते हैं। हमारी ये वेबसाईट एक ब्लाग जैसी ही है। आप अपना कोई भी लेख या कहानी को अगर बिना शर्त लोगो के सामने रखना चाहते है, तो हम पूरी कोशिश करेंगे आपके विचारो को लोगो के सामने रखने की।....
आप हमे अपनी कहानी और कोई भी लेख भेजना चाहते है तो आप जरुर हमे भेजे हम उन्हें जरुर पोस्ट करेंगे।
- कहानी , लेख, कोई भी कविता या फिर कोई सुविचार आप इनमें से कुछ भी भेज सकते है।
- कहानी में कोई भी आपत्ति जनक भाषा के प्रयोग होने पे हम उस कहानी या लेख को पोस्ट
नही करेंगे। कहानी का चुनाव करना और चुनाव न करने का अधिकार पूरी तरह से हम पे
निर्भर करेगा जो आपको मान्य होगा।
- अगर आप अपनी कहानी को पब्लिक नही करना चाहते है तो कृपया अपनी कहानी ना भेजे। हम केवल आपकी कहानी को प्रकाशित करके उन्हें लोगो तक आपके विचारो को पहुचाने के काम तक ही सीमित है ।
-अतः आपसे निवेदन है की अपने दवारा लिखे लेख या कहानी को ही हमे भेजे । किसी के द्वारा लिखे लेख या कहानी को कॉपी करने या चुराने के आरोप के लिए कहानी भेजने वाला यूजर ही जिम्मेदार होगा ।
समाज को सजग बनाने में सबका सहयौग बहुत जरुरी है इसलिए हम आप से आशा रखते है की
आप हमारे काम की सरहाना जरुर करेंगे।
you may contact us at our Email Id apnikahaniweb@india.com
मनुष्य एक समाजिक प्राणी है। हम जिस किसी समाज मे भी रहते हो, वहॉ होने वाले अच्छे
और बुरे बदलाव के लिए कही ना कही हम सब ही जिम्मेदार है।
समाज मे सभी का योगदान होता है भले वो मौन समर्थन ही क्यू ना हो। इसलिए कुछ लोगो के
चाहने से समाज में बदलाव नहीं लाया जा सकता है। पर हॉ आप सभी जानते होगें समय समय
पर समाज मे क्रांती आयी है। जो की हमेंशा एक नयी विचारधारा से प्रेरित होती है। अत:
हम चाहें तो समाज में अपने विचारों से क्रांती ला सकते है।
सामाज में बदलाव सम्भव
है। जो की केवल विचारो से ही सम्भव हो सकता है। तो क्यूना साथ मिल के ʺ वसुधैव
कुटम्बकम ʺ का सपना पूरा किया जाय। और हम भी ये ही आशा करते है एक दिन ये सपना जरूर
पूरा हो। हमसे जुड़ने के लिए आप सभी का बहुत-बहूत धन्यवाद …… www.apnikahani.biz