तुम बहुत खूबसूरत तो नहीं हो
Writer:- |
सोनू जी
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Total page:- |
1
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Type:- |
कविता
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Page no.:- |
1
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Date:- |
7/5/2020 1
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Description:- |
प्रस्तुत पंक्तियों में कवि द्वारा प्रेम को बहुत ही अलग तरीके से व्यक्त किया गया है। पंक्तियों में प्रेम को हासिल करने पर जोर नहीं दिया गया है। बल्कि बिना एक दूसरे को कुछ भी बताये सब कुछ समझने लेने वाली बात कही है। जिसे समझना आसान तो नहीं है पर प्रेम महसूस करना भी बहुत बड़ी बात है। अब आप बताये की कविता अपने काम में सफल होती है या नहीं,,,,,,,,।।
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तुम बहुत खूबसूरत तो नहीं हो,
बस इन आँखों का खेल अच्छा जानती हो तुम..........
कभी सोचा था कि डूब जाऊँ इन आँखों की गहरायी में,
पर डराना भी अच्छा जानती हो तुम..........
कोशिश भूलने की भी बहुत की तुम्हें,
पर मनाना भी जानती हो तुम..........
मुस्कराती हो बातें भी करती हो,
क्योंकि सताना भी जानती हो तुम........
जब भी कभी बात होती है तुमसे, लगता नहीं की कुछ भी छिपाती हो तुम..........
ढेर सारी दुनिया जहाँ की बातें करती हो,
पर कुछ भी नहीं बताती हो तुम.........
विश्वास तो करती हो मुझ पर,
पर शायद किसी बात से तो डरती हो तुम........
हाँ है अलग-अलग रास्ते हमारे,
शायद ये भी जानती हो तुम......
........................ ............................. सोनू जी ,, ।।
“ बहुत समय बाद आज फिर कुछ लिख रहा हूँ। ये तो नहीं सोचा कि किसी को पसंद आयेगा या नहीं। कोशिश की है कि जैसा मैं महसूस करता हूँ उसे शब्दों में व्यक्त करने का प्रयास किया है। मैं कोई कवि नहीं हूँ। पर इनसान जरूर हूँ। उम्मीद है कि आपको पसंद आयेगा आप अपनी राय मुझे सीधी वेब-साईट की ई-मेल आईडी sonuji4uk@gmail.com पर मेल कर सकते है। आपके ई-मेल का मुझे इंतजार रहेगा । पढ़ने के लिये धन्यवाद........।। “
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