मैं खुद में जोड़ लेना चाहता हूँ ...
Writer:- |
मनीष पाण्डेय
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Total page:- |
1
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Type:- |
कविता
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Page no.:- |
1
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Date:- |
12/17/2017
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Description:- |
प्रस्तुत पंक्तियों में कवी द्वारा अपने प्रेम को बहुत खूबसूरत तरीके से एक अलग अंदाज में प्रकट करने का प्रयास किया है। अपने प्रियसी को अपने दिल की बात को समझाने का और उसके प्रती अपने आपार प्रेम को व्यक्त किया है।
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प्रेम एक बार जरूर हम सब के जीवन में आता है। भले वो किसी भी रूप में आये। प्रेम का अर्थ ये नही की हम सिर्फ अपने बारे में सोचे बल्की सच्चा प्रेम तो वो है जो खुद कष्ट में रह कर अपने प्रेयसी की खुशी चाहे। प्रस्तुत पंक्तियों में कवी ने अपने प्रेम को एक अनोखे ढंग से व्यक्त करने का प्रयास किया है उमीद है आप को जरूर पसंद आयेगी।
# मैं खुद में जोड़ लेना चाहता हूँ...
मैं खुद में जोड़ लेना चाहता हूँ चाँद के कुछ बारीक अंश जो बुझा सकें मेरे बदन पे जलते हुए लाल सूरज को जो धीरे -धीरे मुझे राख कर रहा है
मैं खुद में जोड़ लेना चाहता हूँ रंजनीगंधा और चमेली के कुछ महकते हुए सफेद फूल जो बेरंग ज़िन्दगी के जूड़े का कर सकें सोलह श्रंगार
मैं खुद में जोड़ लेना चाहता हूँ रात्रि के अंतिम पहर तक जगने वाले रोशनी के पुंज जुगनुओं को जो चीर सकें मेरी आँखों में जमे हज़ारों वर्षों के कालेपन को
मैं खुद में जोड़ लेना चाहता हूँ बेरहमी से नदी की आवाज़ दबाकर पहाड़ से गिरते हुए झरने को जो मेरे मन के एक खास हिस्से पे लगातार चोट करने का हौसला रखता हो
मैं खुद में जोड़ लेना चाहता हूँ अडिग अविचल हिम श्रंखलाओं को जो वक़्त के घाव को सीने पे लेकर भी वज़्र स्वरूप में खड़ी हैं मेरे सामने यही सिखा सकती हैं आँसू पीना मुझको .
मैं खुद में जोड़ लेना चाहता हूँ तुमको मेरी जानां तुम्हारे हाथों के कंगन से झांककर देखना चाहता हूँ समंदर में मिलते हुए सूरज को तुम्हारी पायल और कान की बालियों से उपजे स्वर में महसूस करना चाहता हूँ जीवन का संगीत तुम्हारी मुस्कान से क्लिक करना चाहता हूँ गुज़रते हुए हर एक सेकेंड को तुम्हारे बदन के हरेक उतार चढ़ाव से गुज़रकर ज़िन्दगी और खुशी के फासले को शून्य करना चाहता हूँ मैं
मैं खुद में जोड़ लेना चाहता हूँ वो सब कुछ जो हर पल टूटते हुए मेरे मिट्टी के जिस्म को वक़्त से पहले बिखर जाने से बचा सके. .....................( मनीष "आशिक़ " )
उमीद हैं आप सभी दोस्तो को मेरी पिछली रचनाओ की तरह ही मेरी यह रचना भी बेहद पसंद आयी होगी। आप मुझे अपने विचार सीधे मेरी ईमेल आईडी पर भेज सकते है। आपके प्यारे प्यारे ईमेल का मूझे हमेशा इंतजार रहेता है। मेरी ईमेल आईडी है – meghapandu51@gmail.com
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