एक कथा बाबा काल भैरव जी की……
Writer:- |
सुन्दर लाल जी…
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Total page:- |
11
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Type:- |
लेख
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Page no.:- |
6
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Date:- |
6/4/2015 1
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Description:- |
देव भूमी उत्तराखण्ड पर ये पहला लेख है जो की आपको उत्तराखण्ड की अदभुत लोक संस्कृती से अवगत करायेगा। ये लेख बाबा काल भैरव जी की उत्तराखण्ड मे अत्यनत मान्यता और उनके अदभुत चमत्कार का वर्णन है। जो की एक सत्य घटना पर आधारित है परंतु कुछ कारणों से व्यक्ति विशेष और स्थान के नाम बदल दिये गये है। ये घटना उत्तराखण्ड के बागेश्वर जिले की ही है परंतु गॉव का नाम बदल दियागया है। उमीद है आप लोगो को ये लेख पसंद आयेगा। धन्यवाद …. जय बाबा काल भैरवा ।
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Page Number - 6
शुखिया ने हरूली को देखते हुए कहता है कुछ गड़ढड़ जरूर है। हमे कुछ करना पड़ेगा। पता नहीं भगवान किस गलती की सजा दे रहे है हमें।
हरूली़ - तुम जा के मौसी को बताओ ये सब वो सबसे बुजर्ग है गॉव मे वो शायद कुछ बता सके हमें।
शुखिया – ठीक हे। तूम ये सब सम्भालो और खेत पे आराम से देर में आना तबतक मै ही खेत पे जाता हू वो काम भी जरूरी है। वहॉ से आते हुए मौसी से मीलता आउूगां। तुम चिन्ता नहीं करो सब ठीक हो जायगा।
दोनो के कुछ समझ तो नहीं आ रहा था। पर एक दूसरे की हीम्मत बन्ने की कोशिशकर रहे थे। शुखिया का खेत के काम मे मन तो नहीं लग रहा था। पर खेती नहीं करेगा तो वो खायेगा क्या। उत्तराखण्ड में आज भी लोगो का मुख्य व्यवसाय खेती ही है। भले खेती कम होती है पर सबकी जीविका का ये ही आधार है। हरुली जैसे ही घर का काम पूरा करके खेत पे आती है शुखिया मौसी से मिलने के लिए चल देता है। क्यूकी वो जानता था बाकी का खेत का काम हरूली कर लेगी। वैसे भी उत्तराखण्ड में महिलाये ही खेती का ज्यादातर काम करती है। पुरूष भी साथ देते है पर महिला का योगदान ज्यादा होता है।
शुखिया मौसी के यह पहुच के अपना हाल सुनाता है। मौसी जी भी उसकी बाते सुन के डर जाती है । उन्हें भी कुछ समझ नहीं आता है। बहुत सोच के कहती है। देख शुखिया ये बात तो बहुत गमभीर है और मै भी ज्यादा कुछ नहीं जानती इस बारे मे पर हमारे पड़ोस के गॉव मे एक परीवार रहता है नदी के पास सुना है उनकी छोटी बहु पुछ करती है तुम उसके पास जाओ और अपनी समस्या सुनाओ सायद वो कार्इ हल बता दे। और अभी दिन भी बचा है तुम शाम होते होते घर भी पहुच जाओगे। इतना सुनते ही शुखिया तुरंत उस गॉव को चल देता है।
उत्तरखण्ड मे कुछ लोग होते है जिन्हें ये आशिर्वाद होता है कि वो लोगो के कष्ट कारण देख सके। मै ऐसा इस लिए नही कह रहा हु क्यूकी मै भी उत्तराखण्ड का रहना वाला हू । और मै ये भी जानता हू बहुत से लोग इस तरह से लोगो को बेवकूफ बनाके फयदा उठाते है। पर बुरे लोग तो कहीं भी हो सकते है। पर उत्तरखण्ड मे कुछ लोगो पर उनके ईष्ट देव की कृपा होती है जिसके वजहा से वे लोगो के कष्ट को देख वा उसका हल बताने मे समर्थय होते है।
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